*अपने इदारे क़ायम करो और बेटियों की इज़्ज़त की हिफाज़त के साथ बेहतर तालीम का इंतेज़ाम करो*
औरंगाबाद में मुफ़्ती हारून नदवी का हज़ारों मुसलमानों से बड़ा अहम ख़िताब
मुसलमानो | अगर अल्लाह ने औलाद दी है तो उनकी बेहतरीन तालीम और तरबियत भी हम पर फर्ज़ की है,एक वक़्त भूका रहो मगर बच्चों की आला बहतरीन तालीम तरबियत का इंतेज़ाम करो, दुनिया की अच्छी तालीम दो इस्लाम मना नहीं करता मगर उनको इतना दीन इस्लाम क़ुरआन तो सिखाओ कि कोई डाकू उनके इस्लाम व ईमान पर डाका डालने में कामियाब न हो, वो दुनिया पढ़ कर अपने दीन व ईमान को अलविदा न बोले,आज पढ़ लिख कर मुस्लिम बेटियां गैरों के दामन में पनाह ले रही हैं, मुआशरा बुराइयों की तरफ बड़ी तेज़ी से बढ़ रहा है ऐसे वक़्त में उनकी तालीम के साथ उनकी बहतरीन तरबियत की सख़्त ज़रूरत है सिर्फ स्कूल या कॉलेज के हवाले करदेने से काम नहीं बनेगा बल्कि वो उसकी दुनिया और आपकी दोनों की दुनिया और आख़िरत तबाह कर बैठेंगी,
दारुल उलूम मोहम्मदिया चीतेगांव के सालाना जलसे, तकमील ए हिफज़े क़ुरआन और दास्तारबंदी के मौके पर मुल्क के मशहूर मारूफ बेबाक आलिम पत्रकार मुफ़्ती मोहम्मद हारून साहब नदवी ने फरमाई, आपने इल्मे दीन हिफज़े क़ुरआन की अहमियत और मदरसों की ज़रूरत अहमियत पर बड़ा जानदार ख़िताब फरमाया और उम्मत को दीनी क़ुरआनी तालीम की तरफ भी रगबत दिलायी, अपने बच्चों को आलिम हाफिज़ भी बनाओ, सिर्फ नोट छापने की मशीन न बनाओ नोट कभी भी रातों रात बन्द होसकती है, कभी भी तुगलकी फरमान आ सकता है, इनको आख़िरत के काम का भी बनाओ, मुफ़्ती साहब ने कहा कि अपने स्कूल अपने कॉलेज अपने इदारे बनाओ ताकि अपनी बेटियां हिजाब नक़ाब और इज़्ज़त व इस्मत की हिफाज़त के साथ तालीम हासिल कर सकें और उनका ईमान व इस्लाम भी मेहफूज़ रहे, ऐसी बहोत सारी अहम बातें मुफ़्ती हारून नदवी ने बड़े बेबाक अंदाज़ में बयान की, इस शानदार इजलास की सादरत मौलाना अहमद पटेल साहब निम्बायती ने फरमाई और मेहमान उलामा से पूरा स्टेज भरा नज़र आया, आस पास के तमाम उलामा मदरसों के ज़िम्मेदारान और शहर औरंगाबाद की सियासी मिल्ली शख्सियत जनाब इल्यास किरमानी, हाफिज़ इक़बाल अन्सारी,मौलाना इसा खान काशफी जालना,और तक़रीबन 150 उलामा तो स्टेज पर मौजूद थे, इस इदारे के ज़िम्मेदार हाफिज़ मौलाना अयाज़ साहब ने बड़ी मेहनत की और मदरसे के उस्ताज़ों की मेहनत रंग लाई, बच्चों ने इतना प्यारा प्रोग्राम भी पेशा किया कि अवाम ने दिल खोल कर हज़ारों रुपये ईनाम दिया,मुफ़्ती हारून साहब ही की प्यारी दुआवों पर प्रोग्राम ख़तम हुवा..