कथित ‘वीजा घोटाले’ में शामिल होने के आरोपों पर नौ घंटे तक पूछताछ के बाद सीबीआई कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम (Congress MP Karti Chidambaram) से शुक्रवार को दूसरे दिन भी पूछताछ कर रही है. वहीं इससे पहले कांग्रेस नेता ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक सांसद के रूप में उनके विशेषाधिकारों और अधिकारों का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पिछले सप्ताह छापेमारी के दौरान उनके कामकाज के दस्तावेज तक जब्त कर लिए.
कार्ति चिदंबरम ने ओम बिड़ला को लिखा, “मैं एक घोर अवैध और स्पष्ट रूप से असंवैधानिक कार्रवाई का शिकार हो गया हूं. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भारत सरकार के एक 11 साल पुराने फैसले की जांच करने की आड़ में दिल्ली में मेरे निवास पर छापा मारा, जिसमें मेरी कोई भागीदारी नहीं है.”
चिदंबरम ने कहा, “इस तथाकथित छापे के दौरान, सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने सूचना और प्रौद्योगिकी के लिए संसदीय स्थायी समिति जिसका मैं सदस्य हूं, से संबंधित मेरे बेहद गोपनीय और संवेदनशील व्यक्तिगत नोट और कागजात जब्त किए.”
उन्होंने कहा, “आश्चर्यजनक रूप से, मेरे ड्राफ्ट नोट्स और प्रश्न जो मैंने समिति को बुलाए गए गवाहों से पूछने का इरादा किया था, वो भी जब्त कर लिए गए. इसके अलावा गवाहों द्वारा समिति को दिए गए बयानों से संबंधित मेरे हस्तलिखित नोट भी जब्त कर लिए गए और ये किन कारणों से हुआ ये एजेंसी बेहतर जानती है.”
कांग्रेस नेता ने कहा, “सीबीआई द्वारा की गई ये कार्रवाइयां, एक सांसद के रूप में मेरे कर्तव्यों में हस्तक्षेप है, लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर एक सीधा हमला है, जिस पर हमारी संसद की स्थापना की गई है, ये मेरे संसदीय विशेषाधिकार का खुला उल्लंघन है. इसलिए, मैं आपसे इस पर तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह करता हूं.”
चिदंबरम ने कहा, “वह और उनका परिवार वर्तमान सरकार और उसकी जांच एजेंसियों द्वारा एक अथक अभियान का लक्ष्य रहा है, जो पिछले कुछ सालों के दौरान एक के बाद एक फर्जी मामले को थोपकर हमारी असहमति की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. सदन के किसी सदस्य को इस तरह की टारगेटेड धमकी विशेषाधिकार के उल्लंघन के बराबर है.”
कथित ‘वीजा घोटाले’ में शामिल होने के आरोपों पर नौ घंटे तक पूछताछ के बाद सीबीआई ने कांग्रेस सांसद को शुक्रवार को दूसरे दिन भी तलब किया. रास्ते में उन्होंने मीडिया से कहा, “मुझे फोन करना उनका विशेषाधिकार है और जाना मेरा कर्तव्य है.”
I have written to the Honourable @loksabhaspeaker @ombirlakota bringing to his attention the gross breach of Parliamentary Privilege by the #CBI @LokSabhaSectt @ShashiTharoor @MahuaMoitra @jawharsircar @JohnBrittas @ANI @the_hindu @PTI_News @IndiaToday @IndianExpress @INCIndia pic.twitter.com/OiithnaAqk
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) May 27, 2022
यह मामला तब का है, जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे. उनपर पंजाब में बिजली संयंत्र लगाने वाली एक कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने अपने करीबी सहयोगी एस भास्कररमन के साथ 50 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. हालांकि, कार्ति चिदंबरम ने सभी आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने मामले को फर्जी और राजनीति प्रतिशोध का परिणाम करार दिया है.
सीबीआई ने अपनी पहली सूचना रिपोर्ट में कहा है कि बिजली परियोजना की स्थापना का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और समय से पीछे चल रहा था. परियोजना पर 263 चीनी कामगारों के लिए वीजा फिर से जारी करने के लिए, कथित तौर पर ₹ 50 लाख रिश्वत का भुगतान किया गया था.